‘सीमा आरिफ’ की कवितायें सीमा आरिफ December 11, 2016 कविता 153 प्रेम के सूक्ष्म एहसासों और जीवन कि तरह ज़िंदा यादों के फाहों से मानवीय संवेदना कि परतों को बिना आवाज़ खोलने का प्रयास करतीं ‘सीमा आरिफ‘ की कविताएँ ………..| – संपादक १- <img class="size-full wp-image-3014" src="http://www.humrang.com/wp-content/uploads/2016/12/Parul-१.jpg" alt="गूगल से साभार" width="300" height="300" srcset="http://www.humrang.com/wp-content/uploads/2016/12/Parul-१.jpg 300w, http://www.humrang viagra pilule.com/wp-content/uploads/2016/12/Parul-१-125×125.jpg 125w” sizes=”(max-width: 300px) 100vw, 300px” /> गूगल से साभार बारिश के इस मॊसम में खिड़की से बाहर तुम झांकती तो आज भी होगी लेकर हाथ में चाय का प्याला याद करती तो होगी जब दोनों में चाय बनाने के झगडे खूब होते थे और अंत में चाय कोई नहीं बनता था बारिश की उन संगीतमय बूंदों को छुने से एक सिहरन तो आज भी पैदा होती होगी खामोश हो चुके उन एहसासों की परतें आज भी खुलती तो होगी बिस्तर में लिपटी उन रातों की फेरहिस्त तकिये के नीचे आज भी रखी तो होगी क्योकि तेरे कानो की कुछ बालियाँ लाल बिंदी,वो खत आज भी मैंने अपने वीराने में सहज के रखे है 2- गांव मे नया दरख़्त उगा हैं कोई, जिस की एक शाख़ पर नाम तेरा (लड़की) हैं चर्चा है गली के चौराहे पर कि कभी उस जगह पर कुछ लड़के/ लड़कियाँ गुड्डे,गुड़ियों का खेला करते थे खेला, एक लड़की गुड़्डा बन जाने की करती थी हठ् और करती थीं ख़ूब हगांमा मानने को कोई नहीं था तैयार उसकी अदना सी फरियाद हुई लड़के-लड़कियों मे ख़ूब लड़ाई सबने उसकी ख़ूब खिल्ली उड़ाई तू हैं गुड़िया क्यों भूल हैं जाती ढक अपनी देह,लगा पाउडर/-लाली पहन लाज का जोड़ा हाथों पर लिख अन्सुना सा नाम कर नूमाईशदारों का इन्तेज़ार लड़की कहाँ थी मानने वाली उसने भी अपने किस्मत के क़लम की रोशनाई ही बदल डाली गुड़ियां है वह अभी भी भेदभाव के इस खेला मे और हमेशा ग़ुड़ियां ही बनाई जायेगी लेकिन यह क्या कम है कि उसने दरख़्त पर अपने नाम की एक शाख़ हैं उगा डाली 3 Otto Muller पसीने से भरी शर्ट से तुम्हारी लिपट जाना मेरा उस महक को प्रेम की सौग़ात समझना ऐसे ही प्रेम किया है मैंने तुम्हें Share on: WhatsApp Bio Social Latest Posts By: सीमा आरिफ जन्म-10 दिसम्बर 1986 उत्तर प्रदेश ( ज़िला बिजनौर) जामिया मिल्लिया इस्लामिया दिल्ली से इतिहास में पोस्ट ग्रेजुएशन एवं जर्नलिज्म में डिप्लोमा PSBT की डॉक्यूमेंट्री फिल्म -“There is something in the Air” में अभिनय ( फिल्म 2011 में केरल फिल्म और कोरियन फिल्म फेस्टिवल द्वारा राष्ट्रीय फिल्म पुस्कार से सम्मानित) तीन वर्ष तक नवभारत टाइम्स ऑनलाइन में लेखन विभिन्न मैगज़ीन,न्यूज़ पेपर्,पोर्टल में लेखक के रूप में सक्रीय हिंदी एडिटर के रूप में दिल्ली में कार्यरत D 94/ 10 प्लाट नंबर 44 ,ज़ाकिर नगर, दिल्ली 110025 एक शाम अदब के नाम – ‘बज़्म-ए-शायरी’स्त्री जब पुरुष के साथ…! एवं अन्य कविताएँ (सीमा आरिफ)ज़ुल्म के गलियारों में : एवं अन्य कविताएँ (सीमा आरिफ)“हमरंग” की टीम से एक खुशनुमा भेंट: (सीमा आरिफ)जश्न-ए-रेख्ता 2016: रिपोर्ट (सीमा आरिफ)‘सीमा आरिफ’ की कविताएँ…..सोशल मीडिया का दिशा प्रवाह….! आलेख (सीमा आरिफ)‘सीमा आरिफ’ की पांच कवितायें: humrangइश्क़ वाला दिन: एवं अन्य कवितायेँ (सीमा आरिफ) See all this author’s posts Share this:Click to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on Twitter (Opens in new window)Click to share on Google+ (Opens in new window)Click to share on WhatsApp (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to email this to a friend (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Like this:Like Loading... Related Leave a Reply Cancel Reply Your email address will not be published.CommentName Email Website Notify me of follow-up comments by email. Notify me of new posts by email.