अंतिम विदाई… ग़ज़लकार “आर॰ पी॰ शर्मा ‘महरिष” को

बहुरंग स्मरण-शेष

हनीफ मदार 380 11/16/2018 12:00:00 AM

ग़ज़ल विधा में बहुत बड़ा नाम रखने वाले आर॰ पी॰ शर्मा ‘महरिष’ का कल रात 93 बरस की उम्र में मुंबई में निधन हो गया। वे ग़ज़ल के क्षेत्र में एक जाना पहचाना नाम थे। उन्होंने ग़ज़ल लेखन का मार्ग सुगम और प्रशस्त करने के लिए ग़ज़ल और बहर पर कई उपयोगी पुस्तकें लिखीं। श्री महरिष को माननीय श्री विष्णु प्रभाकर और श्री कमलेश्वर के हाथों “पिंगलाचार्य” की उपाधि से विभूषित किया गया था। उन्‍हें पिछले वर्ष महाराष्‍ट्र राज्‍य हिंदी अकादमी द्वारा ग़जल विधा में उल्‍लेखनीय योगदान के लिए राज्‍य स्‍तरीय सम्‍मान दिया गया था।

अंतिम विदाई… ग़ज़लकार  “आर॰ पी॰ शर्मा ‘महरिष” को 

r-p-sharma

आर॰ पी॰ शर्मा ‘महरिष’ ग़ज़ल के क्षेत्र में एक जाना पहचाना नाम थे । उन्होने ग़ज़ल लेखन का मार्ग सुगम और प्रशस्त करने के लिए ग़ज़ल, बहर और पर कई उपयोगी पुस्तकें लिखीं । इस श्रंखला में “ग़ज़ल-सृजन” उनकी नवनीतम पेशकश थी , इसमें ग़ज़ल के बाहरी और आंतरिक स्वरूप, काफिया, रदीफ़, कथ्य एवं शिल्प तथा ग़ज़ल की अन्य बारीकियों की विस्तार से चर्चा की गई है, तथा पर्याप्त संख्या में प्रचलित बहरों के अंतर्गत तख़्ती के उदाहरण दिये गए हैं। इसकी अतिरिक्त इस पुस्तक में अन्य काव्य विधाओ, रुबाई, हाइकु रुबाई, महिया, महिया ग़ज़ल, तज़मीन, दोहा, जनक छंद तथा ग़ज़लों के लिए उपयुक्त छंदों और ग़ज़ल से संबंदित अन्य सुरुचिपूर्ण सामाग्री का भी समावेश है…|

ग़ज़लों की दुनिया में एक जीती जागती पाठशाला के रूप में उपस्थित रहे आर॰ पी॰ शर्मा ‘महरिष’ ने कल मुंबई में अंतिम सांस ली | आप हमेशा हमारे बीच ग़ज़ल के रूप में हर शब्द में जीवित रहेंगे |

हमरंग परिवार का आर॰ पी॰ शर्मा ‘महरिष’ को आखिरी सलाम |

हनीफ मदार द्वारा लिखित

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जन्म -  1 मार्च १९७२ को उत्तर प्रदेश के 'एटा' जिले के एक छोटे गावं 'डोर्रा' में 

- 'सहारा समय' के लिए निरंतर तीन वर्ष विश्लेष्णात्मक आलेख | नाट्य समीक्षाएं, व्यंग्य, साक्षात्कार एवं अन्य आलेख मथुरा, आगरा से प्रकाशित अमर उजाला, दैनिक जागरण, आज, डी एल ए आदि में |

कहानियां, समीक्षाएं, कविता, व्यंग्य- हंस, परिकथा, वर्तमान साहित्य, उद्भावना, समर लोक, वागर्थ, अभिव्यक्ति, वांग्मय के अलावा देश भर  की लगभग सभी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित 

कहानी संग्रह -  "बंद कमरे की रोशनी", "रसीद नम्बर ग्यारह"

सम्पादन- प्रस्फुरण पत्रिका, 

 'बारह क़िस्से टन्न'  भाग १, 

 'बारह क़िस्से टन्न'  भाग ३,

 'बारह क़िस्से टन्न'  भाग ४
फिल्म - जन सिनेमा की फिल्म 'कैद' के लिए पटकथा, संवाद लेखन 

अवार्ड - सविता भार्गव स्मृति सम्मान २०१३, विशम्भर नाथ चतुर्वेदी स्मृति सम्मान २०१४ 

- पूर्व सचिव - संकेत रंग टोली 

सह सचिव - जनवादी लेखक संघ,  मथुरा 

कार्यकारिणी सदस्य - जनवादी लेखक संघ राज्य कमेटी (उत्तर प्रदेश)

संपर्क- 56/56 शहजादपुर सोनई टप्पा, यमुनापार मथुरा २८१००१ 

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