‘दीबा नियाज़ी’ की कविताएँ॰॰॰ दीबा नियाज़ी December 20, 2017 कविता 1 481 अतृप्त मानवीय इच्छाओं के ऊपर बेहतर ज़िंदगी का भ्रमित आवरण बुनते सुकोमल सपने दिखा कर, इंसानी जज़्बातों से खेलते हुए उन्हे... Read More...
जीवन के तमाम रंगों की ग़ज़ल : समीक्षा (प्रदीप कान्त) प्रदीप कांत December 12, 2017 पुस्तक समीक्षा 378 हिन्दी ग़ज़ल की वर्तमान पीढ़ी में जिन लोगों ने तेज़ी से अपनी अलग पहचान बनाई है उनमे एक ज़रूरी नाम प्रताप सोमवंशी का भी ह... Read More...
अहसास : कविता (अशोक तिवारी) अशोक कुमार तिवारी December 4, 2017 कविता 137 सामाजिक व्यवस्था में शहरों का बढ़ता आकार, लुप्त होते नदियों के किनारे, अंधा-धुंद पेड़ों की कटाई से रूकती सांसों की डोरऔर... Read More...
यही रीत है, जीवन का संगीत है॰॰॰? ‘संपादकीय’ हनीफ मदार January 1, 2018 अपनी बात 84 यही रीत है, जीवन का संगीत है॰॰॰? वर्ष २०१८ की शुभकामनाओं के साथ हनीफ मदार बीता साल गुज़रने के अंतिम क्षण तक सोचता रहा हूँ । यक़ीन मानें बहुत माथा-पच्ची की,... Read More...
कल कहां जाओगी: ऑडियो कहानी (आवाज़, ममता सिंह) ममता सिंह October 25, 2016 ऑडियो, ऑडियो-कहानी 663 जन्म : 17 अप्रैल 1940, पुरमण्डल (जम्मू)भाषा : हिंदीविधाएँ : उपन्यास, कविता, कहानीमुख्य कृतियाँकवि... Read More...
चिरऊ महाराज: व्यंग्य (हरिशंकर परसाई) आवाज़ ‘यूनुस खान’ यूनुस खान October 13, 2016 ऑडियो, ऑडियो-कहानी 454 चिरऊ महाराज: व्यंग्य (हरिशंकर परसाई) यूनुस खान... Read More...
टोबा टेक सिंह: ऑडियो कहानी (आवाज़ ‘यूनुस खान’) यूनुस खान October 10, 2016 ऑडियो-कहानी 403 हर वक़्त में बेहद प्रासंगिक नज़र आती भारत विभाजन पर मानवीय त्रासदी की संवेदनशील दास्तान सी 'सआदत यूनुस खान हसन मंट... Read More...
सुनिए ‘एक जीवी एक रत्नी एक सपना’ कहानी अमृता प्रीतम, (आवाज़ “ममता सिंह”) हनीफ मदार October 1, 2016 ऑडियो-कहानी 405 आज ‘हमरंग’ में सुनते हैं, अमृता प्रीतम की कहानी ‘एक जीवी, एक रत्नी, एक सपना’। बी बी सी की रेडिओ उद्घोषक ‘ममता सिंह’ क... Read More...
“सुखनवर” द्वैमासिक पत्रिका -: संपादक- अनवारे इस्लाम :- admin October 20, 2016 किताबें, सुख़नवर (द्वैमासिक पत्रिका) 300 “सुखनवर” द्वैमासिक पत्रिका अंक मई-जून २०१६ -: संपादक- अनवारे इस्लाम :- ... Read More...
“सुखनवर” द्वैमासिक पत्रिका -: संपादक- अनवारे इस्लाम :- admin October 7, 2016 किताबें 440 “सुखनवर” द्वैमासिक पत्रिका अंक मई-जून २०१६ -: संपादक- अनवारे इस्लाम :- ... Read More...
समकालीन तीसरी दुनिया, मासिक पत्रिका अंक सितम्बर २०१६ admin October 7, 2016 किताबें 483 समकालीन तीसरी दुनिया, मासिक पत्रिका अंक सितम्बर २०१६ -: संपादक – आनंद स्वरुप वर्मा :- ... Read More...
समकालीन तीसरी दुनिया, मासिक पत्रिका अंक जुलाई-अगस्त २०१६ admin October 7, 2016 किताबें 813 समकालीन तीसरी दुनिया, मासिक पत्रिका -: संपादक - आनंद स्वरुप वर्मा :- ... Read More...
“सुखनवर” द्वैमासिक पत्रिका -: संपादक- अनवारे इस्लाम :- admin October 5, 2016 किताबें 417 “सुखनवर” द्वैमासिक पत्रिका अंक मई-जून २०१६ -: संपादक- अनवारे इस्लाम :- ... Read More...
इस युग का कमाल, पुस्तक मेले का हाल : शक्ति प्रकाश शक्ति प्रकाश January 7, 2018 कथा-कहानी, व्यंग्य 106 वहां एक लेखक मंच भी था, यूँ खासा फोटोजैनिक था लेकिन सार्वजनिक शौचालय से बिलकुल लगा हुआ, कई आम आदमी जब शौचालय से निकल मंच... Read More...
‘हिंदी हैं हम वतन हैं हिन्दोस्ताँ हमारा’: व्यंग्य (आरिफा एविस) आरिफा एविस September 14, 2017 व्यंग्य 69
‘जन-साहित्य पर्व’ २४-२५ जनवरी को जयपुर में॰॰॰ संदीप मील January 20, 2018 साहित्यिक-गतिविधियाँ 81 “साझा सांस्कृतिक मोर्चे" "जन-साहित्य पर्व”, का दो दिवसीय आयोजन “साझा सांस्कृतिक मोर्चे" द्वारा देराश्री शिक्षा सदन, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर में 24 व 25 जनवरी, 2018 को आयोजित किया जा रहा है। हमारे देश में... Read More...
एक शाम अदब के नाम – ‘बज़्म-ए-शायरी’ सीमा आरिफ December 20, 2017 साहित्यिक-गतिविधियाँ 135 आज के युग में जहाँ सब कुछ बहुत तेज़ी से बदल रहा है, बहुत कुछ पीछे छुट रहा है। डिजिटल के दौर में हमें चीज़ों को भूलने की आदत पड़ती जा रही है।हम बहुत कुछ वो खो रहे हैं जिसको सेहजना,सवंरना हमारी ज़िम्मदारी है। इसी... Read More...
‘न्यूटन’ फिल्म नहीं एक विचार प्रक्रिया… : फिल्म समीक्षा (नवलकिशोर व्यास) नवलकिशोर व्यास October 3, 2017 फिल्म-समीक्षा 89 चुनाव को हम सभी ने बुलेट और बटन तक सीमित कर दिया है। पिछले कुछ समय में बड़े शहरों में वोट कास्टिंग बढ़ी है पर भारत केवल दिल्ली-मुम्बई-बेंगलोर नही है। ठेठ गांव तक जाकर लोगो के वोट करने के पीछे कारण भी हमें जानने ह... Read More...
संत कबीर और आधुनिक हिन्दी काव्य: शोध आलेख (प्रमिला देवी) प्रमिला देवी July 19, 2017 शोध आलेख 104 'जननायक कबीर का प्रभाव साहित्य पर आज छह सौ वर्षो के बाद भी ज्यों का त्यों देखा जा सकता है । आज जब भी धरती के किसी कोने म... Read More...
कश्मीर : एक संक्षिप्त इतिहास: ‘छटवीं और अंतिम क़िस्त’ (अशोक कुमार पाण्डेय) अशोक कुमार पांडेय June 25, 2017 शोध आलेख 296 कश्मीर के ऐतिहासिक दस्तावेजों और संदर्भों से शोध-दृष्टि के साथ गुज़रते हुए “अशोक कुमार पाण्डेय” द्वारा लिखा गया ‘कश्मीर ... Read More...