समकालीन हिंदी उपन्यास और आदिवासी जीवन: आलेख (कृष्ण कुमार)
कृष्ण कुमार 4396 2018-11-17
21वीं सदी में जब भूमण्डलीकरण, औद्योगीकरण अपने चरम पर है तथा विकास के नाम पर आदिवासी समुदाय को उसके मूलभूत आवश्यकताओं जल, जंगल, जमीन’ से बेदखल किया जा रहा ऐसे में संकट केवल उनके अस्तित्व पर ही नहीं उनकी संस्कृति पर भी है। इसी बात को केन्द्र में रखकर आ Continue Reading...