'इदिका राय' की कविताएं

बाल मंच कविता

Idika ray 1294 12/10/2018 12:00:00 AM

इदिक़ा राय अभी भले ही महज़ आठवीं की छात्रा हैं किंतु इनकी कविताओं ने जैसे बचपन से बाहर देखना शुरू कर दिया है । इदिक़ा की कविताओं की यह दृष्टि नतीजा है स्कूल पाठ्यक्रम के साथ साथ अन्य साहित्यिक कृतियों का निरंतर अध्ययन । बाक़ी फ़ैसला आप पाठकों का ॰॰॰॰॰

1. दूसरी कहानी

भटक जाता है

कहीं दूसरी दुनिया में,

खो जाता है 

खुद की ही कल्पना में,

भूल जाता है

आस पास की दुनिया,

सोच में डुबा देने वाला ये मन

गड़ता है खुद की दूसरी कहानी।


२. भीड़    


बड़ी है,

चौड़ी भी है,

गंदी भी है, 

सिमट कर रह जायेगी,

मर जाएगी सच्चाई इस में,

कुचल देगी बिना किसी बात के ....... 

ये भीड़।


३. डर 

अंधेरे में बैठा 

सोच में डूबा हुआ, 

सवाल करता कि 

क्या है सब से डरावनी चीज़,

बिना कुछ बोले

जवाब  की जिज्ञासा के साथ

मंजिल पर पहुँचकर बोला,

जवाब है डर।

Idika ray द्वारा लिखित

Idika ray बायोग्राफी !

नाम : Idika ray
निक नाम : Idika
ईमेल आईडी :
फॉलो करे :
ऑथर के बारे में :

छात्रा 

अपनी टिप्पणी पोस्ट करें -

एडमिन द्वारा पुस्टि करने बाद ही कमेंट को पब्लिश किया जायेगा !

पोस्ट की गई टिप्पणी -

हाल ही में प्रकाशित

नोट-

हमरंग पूर्णतः अव्यावसायिक एवं अवैतनिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक साझा प्रयास है | हमरंग पर प्रकाशित किसी भी रचना, लेख-आलेख में प्रयुक्त भाव व् विचार लेखक के खुद के विचार हैं, उन भाव या विचारों से हमरंग या हमरंग टीम का सहमत होना अनिवार्य नहीं है । हमरंग जन-सहयोग से संचालित साझा प्रयास है, अतः आप रचनात्मक सहयोग, और आर्थिक सहयोग कर हमरंग को प्राणवायु दे सकते हैं | आर्थिक सहयोग करें -
Humrang
A/c- 158505000774
IFSC: - ICIC0001585

सम्पर्क सूत्र

हमरंग डॉट कॉम - ISSN-NO. - 2455-2011
संपादक - हनीफ़ मदार । सह-संपादक - अनीता चौधरी
हाइब्रिड पब्लिक स्कूल, तैयबपुर रोड,
निकट - ढहरुआ रेलवे क्रासिंग यमुनापार,
मथुरा, उत्तर प्रदेश , इंडिया 281001
info@humrang.com
07417177177 , 07417661666
http://www.humrang.com/
Follow on
Copyright © 2014 - 2018 All rights reserved.